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Saturday, 12 August 2017

BHU की छात्र राजनीति का ऐसा विश्लेषण नहीं पढ़ा होगा आपने

कुछ परिंदों को केवल दो चार दाने चाहिए, कुछ को लेकिन आसमानों के खज़ाने चाहिए. मोर्चा सम्भालना जीवित छात्र होने की अनिवार्य शर्त है . ‘अपना मोर्चा’ को लेकर काशी नाथ सिंह ने एक अद्भुत यात्रा पर खुद को रखते हुए सम्पूर्ण विश्विद्यालयी आयाम को रेखांकित किया है. विश्वविद्यालय में राजनीतिक माहौल , छात्रों के बीच चुनावी सरगमी और प्रशासन की बर्बरता को लेकर ‘ज्वान’ के इर्दगिर्द बनी कहानी लेखक के साथ साथ चलती है . लेखक जो छात्रों के कलेजे की बात को समझता तो है पर कुछ कर नही सकता चूंकि वह प्रोफ़ेसर है। वह ज्वान के नेतृत्व के गुण का कायल रहता है . ज्वान दरअसल काशी हिंदू विश्विद्यालय के बेहद प्रभावशाली छात्र नेता ‘वेदव्रत मजूमदार जी ‘ का नाम था . लेखक को वह डॉक्टर बुलाते थे…. छात्रों के चौराहे पर गुटबंदी में बात करने से लेकर छात्राओं की वस्तु स्थिति के वर्णन तक पूरे उपन्यास में सीन बिखरे हैं. जैसे कई कई जगह के संवाद इतने लाजवाब हैं कि क्या कहें .

अब लेखक और ज्वान के बीच की बात है “मुझे ज्वान याद आते हैं। उन्होंने मुझसे एक बार कहा था कि डॉक्टर ! माना कि तुम भी आदमी हो मैं भी आदमी हूँ । अगर तुम्हारी डिग्रियों या सात सौ रुपयों से निकाल कर तुम्हे बाहर कर दिया जाए तो कौन बीस पड़ेगा ? तुम तो दो कौड़ी के हो जाओगे और मैं ? फिर देखो कि मैं अपने तीस रुपये महावर से निकल कर क्या कर गुजरता हूं । ” ज्वान छात्रों को व्यंग्यात्मक लहजे में अपनी तरफ और सक्रिय युवा छात्र राजनीति में शामिल करा लेते थे। पूरा उपन्यास उनके कसे हुए संवाद और दृष्टव्य होते सीन से भरा पड़ा है। अब एक जगह सीन है …. अक्सर होता क्या है कि छात्राएं लड़ाई, मोर्चा या लड़को की सभाओं या ये कहें कि राजनीति से दूर रहती हैं ( बिल्कुल आज की तरह) ऐसे में ज्वान के पास गजब का तर्क है . एक सीन है … एक लड़की चित्र बना रही होती है ,ये वह समय है जब प्रशासन और छात्रों में गोला बारूद का सम्बंध है. ज्वान पूछते हैं ‘ये लड़की क्या कर रही है ‘ ‘तस्वीर बना रही है ‘ लेखक ने कहा। “वह एक ऐसी लड़की की तस्वीर क्यों नहीं बनाती जो आहों-कराहों के बीच लाशों के ढेर पर बैठी हो और आंखों में काजल लगा रही हो?” “आखिर हद हैं ये लड़कियां भी । लेकिन गड़बड़ी की जड़ ये नही हम हैं । आखिर हम परेशान क्यो रहते हैं इनके पीछे? हम क्यो नही मान लेते कि ये भी हमारे जैसी ही सामान्य और टकीयल हैं? ये भी खाती हैं और हमसे कम नही खाती हैं . फर्क सिर्फ इतना है कि खाने से पहले और खाने से बाद ये नखरे करती हैं और हम नहीं करते . हम इनके लिए भी लड़ते हैं और ये उसकी जरूरत नहीं समझतीं . ऐसा ज्वान ने तब सोचा जब लड़कियों का पढ़ना भी गवारा नही था ।

मूलतः कहानी एक वृतांत लगती है (शायद है भी) जो छात्रों के नेतृत्व के से लेकर प्रशासन की बर्बरता तक को दिखाती है । छात्र शुरू में बिखरे होते हैं तो टूट जाते हैं । और अंत मे जब एकजुट हो कर बात करते हैं तो आंसू गैस के गोलों को भी हवा में ही रोक लेते हैं। जीत छात्रों की होनी थी । हुई भी । खास क्या है ? सबसे खास यह है कि लेखक का समकालीन समय आपके सामने नाच जाएगा । जैसे लिखा है कि “जाड़े की शुरूआत से पहले ही जाड़े की आहट महिला महाविद्यालय से आने लगती है । जाड़ा वहाँ की लड़कियों की उंगलियों पर आता है । उनकी उंगलियों में सलाई है और वेनिटी बैग में ऊन का गोला । वे सड़क ,कक्षा , हॉस्टल, बाजार हर जगह उंगलियां चला रही .” आज के समय मे यह पढ़ना उस कालखंड के लोगों की दिनचर्या से रू ब रु कराता है. ये लेखन की ऊंचाई है. चूंकि हम आप इसे अपने परिवेश से तुलना करके देखेंगे. मैं वर्तमान का MMV देख रहा हूँ . लिखा है , सिरहाने या मेज पर ‘फिल्मफेयर’ , ‘धर्मयुग’ , ‘स्टार एंड स्टाइल’ अथवा ‘हंस’ रखी हुई है । ये बताता है कि उसेक समय पत्रिकाओं का दौर था. भले ही फिल्मी हो. ये सारी बातें ही अपना मोर्चा को नया आयाम देती हैं. समूची किताब अपने आप मे एक नई तरह की ऊर्जा लिए हुए है. पढ़ते पढ़ते अपने आप मुठ्ठियाँ भींच जाती हैं . स्वतः ही आंखे लाल हो जाती हैं . सधी हुई भाषाशैली और भावप्रधानता इस उपन्यास का प्राप्तांक है । हरेक सक्रिय छात्र को यह किताब अवश्य पढ़नी चाहिये.

Friday, 4 August 2017


नई दिल्ली। गुड्स और सर्विस टैक्स (जीएसटी) के तहत पहली रिटर्न जीएसटीआर-3B आज से फाइल होना शुरू हो जाएगा। जीएसटीआर-3B में कारोबारियों, ट्रेडर्स, रिटेलर, होलसेल, डिस्ट्रीब्यूटर सभी को जुलाई महीने के कारोबार की जानकारी सरकार को देनी होगी। यहां हम आपको बता रहे हैं कि जीएसटीआर-3B रिटर्न की फॉरमेट कहां और कैसे डाउनलोड कर सकते हैं। ये कैसे जीएसटी के पोर्टल पर अपलोड करना है।

आज से शुरू हो रही है जीएसटी की रिटर्न फाइलिंग

जीएसटी के तहत आज 5 अगस्त से जीएसटी की पहली रिटर्न फाइलिंग शुरू हो रही है। जीएसटी में रजिस्टर्ड सभी कारोबारियों को 5 से 20 अगस्त के बीच जीएसटीआर-3B रिटर्न जमा करानी है। इस रिटर्न में जुलाई महीने के कारोबार की समरी सरकार को देनी है। इस रिटर्न में हर एक बिल की जानकारी की जगह खरीदे गए और बेचे गए माल की जानकारी देनी है। उसके अनुसार टैक्स की पेमेंट करनी है। शुरुआत के 2 महीने सेल्फ एसेसमेंट बेसिस पर रिटर्न भरना है।

यहां से डाउनलोड कर सकते हैं जीएसटीआर-3B

- जीएसटी के पोर्टल से कर सकते हैं डाउनलोड
- आप इस लिंक https://drive.google.com/file/d/0Bzy6Qtd_p6BCRl8tTk9MREVrU1k/

जीएसटीआर-3B भी डाउनलोड कर सकते हैं।

जीएसटीआर-3B में देनी होगी ये जानकारी

- जीएसटीआर-3Bव में इन्वर्ड और आउटवर्ड सप्लाई भरनी होगी।
- 20 लाख से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों के साथ किया गया लेन-देन जहां आपको रिवर्स चार्ज भरना है।
- जुलाई महीने में की गई परचेज की कीमत
- इन्पुट टैक्स क्रेडिट की डिटेल
- अंतर्राज्यीय कारोबर और अनरजिस्टर्ड डीलर के साथ किया गया बिजनेस
- कंपोजिशन स्कीम के तहत आने वाले कारोबारियों के साथ बिजनेस
- टैक्स फ्री वाले प्रोडक्ट की खरीद की जानकारी


जीएसटी के पोर्टल पर रिटर्न और बिल बनाने का है ऑफलाइन टूल

जीएसटी के पोर्टल पर जीएसटी सॉफ्टवेयर टूल है जिसे कारोबारी अपने कंप्यूटर पर डाउनलोड कर सकते हैं। ये सॉफ्टवेयर टूल एक्सल फॉरमेट और जावा स्क्रिप्ट में है। इस एक्सल फॉरमेट पर आप अपने बिल बना सकते हैं। बिल की जानकारी ऐक्सेल शीट में सेव करके इसे ही जीएसटी पोर्टल पर रिटर्न के साथ अपलोड कर सकते हैं। सॉफ्टवेयर टूल पर कारोबारी अपनी रिटर्न ऑनलाइन मोबाइल के जरिए भी फाइल कर सकते हैं।

जीएसटी के पोर्टल पर ऐसे अपलोड होगी रिटर्न

टैक्सपेयर्स को https://www.gst.gov.in/ पर लॉग इन करना होगा। वेबसाइट पर सर्विस पर क्लिक करें। सर्विस के नीचे ‘रिटर्न’ का ऑप्शन आएगा। इस पर क्लिक करें। सिस्टम आपसे आपका यूजर नाम और पासवर्ड मांगेगा। इसमें आप अपना यूजर नाम और पासवर्ड भरें। अपने जीएसटीआर-3B रिटर्न को अपलोड कर दें।


बाइकिंग क्वीनस बनारस में...



गुजरात के सूरत से लंबा रास्ता तय कर साइकोलोजिस्ट डॉ सारिका मेहता के नेतृव्व में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और सशक्त नारी सशक्त भारत अभियान का प्रचार करते हुए कल बीएचयू सहित अन्य महिला स्कूल पहुँची।

पोस्ट-अपनी काशी