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Wednesday, 4 April 2018
बाबा साहेब के नाम पर सभी राजनीति करते हैं, लेकिन हमने उन्हें सम्मान दिया: पीएम मोदी
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के एससी/एसटी एक्ट के तहत तत्काल गिरफ्तारी पर रोक के फैसले के खिलाफ देश के कई राज्यों में दलित संगठनों की तरफ से बवाल मचा हुआ है। राजनैतिक दलों के बीच आरोप- प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। इन सबके बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम के दौरान डॉ. भीमराव आंबेडकर को याद करते हुए कहा कि डॉ. आंबेडकर का जितना सम्मान हमारी सरकार ने किया है उतना किसी और ने नहीं किया। पीएम मोदी ने कहा, 'हम डॉ. बाबा साहेब द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चल रहे हैं। डॉ आंबेडकर के आदर्शों के मूल में शांति और एकता है। गरीब से गरीब के लिए काम करना हमारा मिशन है।'
We are walking on the path shown by Dr. Babasaheb Ambedkar. At the core of Dr. Ambedkar's ideals is peace and togetherness. Working for the poorest of the poor is our mission: PM Modi
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘बाबा साहेब जी के नाम पर सभी राजनीति करते हैं, लेकिन बाबा साहेब आंबेडकर को जितना मान सम्मान और श्रद्धांजलि हमारी सरकार ने दी है, उतना सम्मान किसी और सरकार ने कभी नहीं दिया।’ पीएम मोदी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब दलितों के मुद्दों को लेकर विपक्ष लगातार पीएम मोदी पर हमले कर रहा है।
बाबा साहेब जी के नाम पर सभी राजनीति करते है लेकिन बाबा साहेब आंबेडकर को जितना मान सम्मान और श्रद्धांजलि हमारी सरकार ने दी है, उतना सम्मान किसी और सरकार ने कभी नहीं दिया : श्री @narendramodi
दरअसल सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के बाद दलित संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के दौरान देश के कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन हुए और इनकी कीमत 12 लोगों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी थी। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट में हुए बदलावों को लेकर केंद्र सरकार द्वारा दायर की गई पुर्नविचार याचिका पर सुनवाई भी की और फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, 'हम इस अधिनियम के खिलाफ नहीं हैं। बेकसूर को सजा नहीं मिलनी चाहिए।' न्यायालय ने कहा कि आंदोलन कर रहे लोगों ने फैसला उचित ढंग से नहीं पढ़ा है और वे निहित स्वार्थी तत्वों से गुमराह हो गए हैं। न्यायालय ने कहा कि हमने कानून के प्रावधानों को नरम नहीं किया है, बल्कि निर्दोष व्यक्तियों की गिरफ्तारी के मामले में उनके हितों की रक्षा की है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी दलों से दो दिनों के भीतर विस्तृत जवाब देने के लिए कहा है। 10 दिन बाद फिर से इस मसले पर सुनवाई की जाएगी।
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