वाराणसी : जीएसटी को लेकर उद्यमी और व्यापारियों में असमंजस दूर करने के लिए शनिवार को दी इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउंटेंट आफ इंडिया की वाराणसी शाखा की ओर से छावनी क्षेत्र स्थित एक होटल में कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें चार्टर्ड एकाउंटेंट ने व्यापारियों की शकाओं का समाधान किया। दिल्ली से आए मुख्य वक्ता सीए आशु डालमिया ने जीएसटी की संरचना के बारे में जानकारी दी। कहा कि जीएसटी से केवल टैक्स भुगतान की प्रणाली में नहीं बदलाव होगा वरन व्यापार भी आसान होगा।
उन्होंने कहा रिटर्न भरने में कोई दिक्कत न हो इसके लिए वित्तीय वर्ष समाप्त होने के बाद भी रिकार्ड रखना जरूरी है। बताया कि 20 लाख से कम टर्नओवर पर टैक्स नहीं देना होगा लेकिन दूसरे राज्य में बिक्री करने पर जीएसटी लगेगा।
करदाताओं को कोई दिक्कत नहीं
विशेषज्ञों ने कहा पेनाल्टी से ईमानदार करदाताओं के लिए कोई दिक्कत नहीं होगी। तकनीकी गलतियों और धोखे में अलग-अलग कार्रवाई होगी। पुराने स्टॉक की आइटीसी पाने के लिए छह माह में उसे बेचना होगा। कार्यक्रम में कई कारोबारियों ने शकाओं का समाधान भी किया।
विशेषज्ञों ने बताया कि छोटे व्यापारियों को जीएसटी से विशेष छूट दी गई है। 75 लाख तक कारोबारी समाधान लिया जा सकता है। डेढ़ करोड़ तक का कारोबार करने वालों को एचएसएन कोड नहीं देना है। डेढ़ से पाच करोड़ तक दो अंक का एचएसएन का चैप्टर कोड डालना है।
आइसीडीएस के अनुसार होगी गणना : इसके पूर्व आइसीडीएस पर आयोजित सेमिनार में इंदौर से आए सीए पंकज शाह ने कहा कि एक अप्रैल से इनकम टैक्स कंप्यूटेशन एंड डिस्क्लोजर स्टैंडर्ड लागू किया गया है। नई व्यवस्था में रिटर्न भरते समय टैक्स की गणना आइसीडीएस के तहत होगी। सेमिनार में सीए राजीव सिंह, मुकेश सिंह कुशवाहा, बृजेश जायसवाल, जीडी दुबे आदि थे। सत्र का शुभारंभ एसोसिएशन के अध्यक्ष अतुल सेठ, अध्यक्षता पूर्व अध्यक्ष मनोज अग्रवाल और संचालन संजीव श्रीवास्तव ने किया।
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