वाराणसी : केंद्रीय राज्यमंत्री एवं विश्व बौद्ध महासभा के उपाध्यक्ष रामदास अठावले ने कहा कि भारत को बौद्ध धर्म के सिद्धांतों के लिए जाना जाता है। देश के प्रधानमंत्री अपनी विदेश यात्रा में भी बुद्ध के उपदेशों की बात करते हैं। वह शनिवार को सारनाथ स्थित डा. अंबेडकर शिक्षा समिति की ओर से आयोजित धम्मचक्र प्रवर्तन महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
कहा कि बौद्ध धर्म की चर्चा भारत में ही नहीं, बल्कि विश्वभर में होती है। ढाई हजार वर्ष पूर्व भारत में बौद्ध धर्म अच्छे तरीके से फलफूल रहा था। सम्राट अशोक ने बुद्ध के उपदेशों को आत्मसात कर उनके संदेशों को विश्व में फैलाया। मानव को मानव बनाने का सामर्थ्य बुद्ध के उपदेशों में ही है। डा. भीमराव अंबेडकर का कहना था कि तुम स्वयं प्रकाशित हो। अंबेडकर शिक्षा समिति के लाइब्रेरी बनाने की मांग पर उन्होंने एक लाख रुपये की सहायता दी। भरोसा दिलाया कि प्रदेश सरकार से वार्ता कर और सहयोग दिलाने की कोशिश करेंगे। विशिष्ट अतिथि सर्वोदय महाबुद्ध विहार (मुंबई) के अध्यक्ष भिक्षु राहुल बोधि महाथेरो ने कहा कि भगवान बुद्ध के उपदेशों को आत्मसात करने से ही मन निर्मल हो सकता है। भिक्षु धर्मशील ने कहा कि मानव कल्याण का रास्ता बुद्ध मार्ग है। संचालन डा. हरिश्चंद्र ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डा. अरविंद कुमार ने किया। अध्यक्षता सत्यनारायण ने की। महोत्सव में आरके सिंह, राम सहाय, धर्मराज, अनिल, भिक्षु गुरु धम्मो, सुदर्शन सहित कई लोगों ने विचार रखे।
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