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Monday, 24 July 2017

सांसद मोदी की योजनाओं में ‘करंट’ लगा रहा IPDS, बनारस में आज हुई सांड की मौत

बनारस। शहर में प्रधानमंत्री के सपनों को साकार करने के लिए आईपीडीएस योजना साल 2015 से शुरू हुई है। यह योजना कितनी लाभदायक है काशी की जनता के लिए और कितनी नुकसानदेह इसकी पड़ताल करने के लिए टीम Varanasian ने भूमीगत बिजली वाले क्षेत्रों की पड़ताल की। हालांकि अधिकांश लोगों ने इस योजना को गलियों की बजाय मुख्‍य मार्ग तक ही सीमित रखने की बात कही है।

फाल्ट आने पर लगाने पड़ रहे हैं चक्कर
शहर का कबीर नगर एक ऐसी जगह है जहां सबसे पहले इस योजना का शुभारम्भ किया गया था। इस जगह को देखने के लिए खुद देश के प्रधानमंत्री और काशी के सांसद नरेंद्र मोदी भी पहुंचे पर अब इसी क्षेत्र के लोग इस नई योजना से परेशान दिखाई दे रहे हैं। कबीर नगर में स्क्रैप का काम करने वाले विजय कुमार अग्रहरी ने बताया कि आईपीडीएस के बाद हमें कनेक्शन मिलने के बाद एक दिन जब हमारी लाईट खराब हो गयी तो हमने पावर हाउस पर जाकर शिकायत की। इसपर वहां के अधिकारियों ने जवाब दिया कि जाइए आईपीडीएस के अधिकारियों से कहिये। इसके बाद आईपीडीएस के अफसरों से मनुहार करने पर दूसरे दिन बिजली नसीब हो सकी।


तो कभी भी उत्‍पन्‍न हो सकती है विकट स्‍थिति
बनारस के कश्मीरी मोहल्‍ले में भी इस योजना से लोग नाराज़ दिखे। दरअसल मोहल्ले में एक सांड भी आईपीडीएस के करंट की चपेट में आकर काल के गाल में समा गया। मोहल्ले वालों की शिकायत है कि यह एक संकरी गली है। इस गली में लोहे के खम्‍भों पर आईपीडीएस के कनेक्शन बाक्स लगाये गये हैं, उसमे कभी भी करंट आ जाता है। लोगों के अनुसार मोहल्ले में बच्चे भी हैं और बारिश में जलभराव में यदि करंट उतरा तो स्थिति भयावह हो सकती है।

मानक के अनुरूप नहीं हो रहा है कार्य
कश्‍मीरी मोहल्‍ले के स्थानीय निवासी अविनाश मिश्रा ने बताया कि योजना के अधिकारी पहले बहुत तेज़ी से इस कार्य को बेहतर तरीके से अंजाम दे रहे थे पर अब मानक के अनुरूप इसका कोई काम होता नहीं दिख रहा है। जिस वजह से जगह-जगह दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं। कुछ दिन पहले कबीर नगर में भी एक पालतू गाय की मौत हुई थी और आज एक बार फिर इस संकरी गली में सांड करंट का शिकार बना है।



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