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Saturday, 8 July 2017

लाखों रुपए का सैलरी छोड़कर काशी में मरीजों की सेवा करता है ये शख्स

वाराणसी में एक ऐसा शख्स भी है जिसे लोग महापुरुष और भगवान भी कहते हैं. बता दें, कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कार्डियोलॉजिस्ट सर्जन पद्मश्री टी. के. लहरी रिटायरमेंट के 14 साल बाद भी मरीजों की सेवा कर रहे हैं.

अमेरिका से डॉक्टरी की पढ़ाई करने के बाद 1974 में बीएचयू में लेक्चरर के पद पर 250 रुपए महीने पर उनकी नियुक्ती हुई थी. यहि वजह है कि गरीबों की सेवा करने के लिए इन्होंने शादी तक नहीं किया.

इसके बाद 1997 से इन्होंने अपना वेतन लेना बंद कर दिया और अपनी सैलरी को जरूरतमंद मरीजों को डोनेट कर दिया. 1997 में उनकी सैलरी 84,000 थी. वहीं अन्य भत्तों को मिलाकर ये एक लाख के ऊपर थी. बता दें, कि 2003 में रिटायरमेंट के बाद इन्हें जो पेंशन और पीएफ मिला वो भी इन्होंने बीएचयू को मरीजों की सेवा के लिए दान कर दिया.

डॉ. लहरी ने बताया, रिटायरमेंट के बाद उन्हें अमेरिका के कई बड़े हॉस्पिटल से ऑफर था, लेकिन उनकी इच्छा देश की सेवा करना था. यहि वजह थी कि लाखों रुपए का सैलरी पैकेज छोड़कर वो आज मरीजों की सेवा कर रहे है.



वहीं रिटायरमेंट के बाद भी रोज सुबह 6 बजे वे बीएचयू जाते हैं और 3 घंटे ड्यूटी करने के बाद वापस आते हैं. शाम को भी इसी तरह ड्यूटी करते हैं. इसके बदले बीएचयू से केवल आवास के आलावा कोई सुविधा नहीं ली है. इनके इसी सेवा भाव को देखते हुए 2016 में इनको पदमश्री से नवाजा गया था.

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